एक आदमी ने एक वकील के ऑफिस में फ़ोन किया और वकील का नाम लेकर कहा कि मैं अपने वकील से बात करना चाहता हूँ। रिसेप्शन वाले ने कहा, "जी माफ़ कीजिये, पिछले हफ्ते ही उनका देहांत हो गया।" अगले दिन फिर से उस आदमी ने उसी तरह पूछा, "जी, क्या मैं अपने वकील के साथ बात कर सकता हूँ?" रिसेप्शन वाले ने फिर से वही बात कही कि माफ़ कीजिये उनका पिछले हफ्ते देहांत हो गया। अगले दिन फिर से उस आदमी ने फोन किया, "क्या मैं अपने वकील से बात कर सकता हूँ?" रिसेप्शन वाले ने उस दिन दुखी होकर उसे पूछ ही लिया, "सर आज ये आपका तीसरा दिन है, लगातार मैं आपको बता रहा हूँ कि आपके वकील मर चुके हैं। आप फिर भी बार-बार फोन करके क्यों पूछ रहे हैं?" उस आदमी ने बड़ी सहजता से जवाब दिया, "क्योंकि यह सुनकर मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है कि अब मेरे पैसे बच जायेंगे।" |
एक औरत सड़क पर गोद में अपने बच्चे को लेकर रोये जा रही थी, तभी वहाँ से संता गुज़र रहा था। संता ने उसके रोने का कारण पूछा। औरत बोली, "बच्चा बहुत बीमार है और दवा के लिए पैसे नहीं हैं।" संता ने जेब से 1000 का नोट दिया और कहा कि जाओ जाकर दवाई ले आओ और बच्चे के लिए कुछ खाना और दूध भी ले लेना, बाकी जो बचे मुझे लाकर लौटा देना मैं यहीं खडा हूँ। थोड़ी देर बाद औरत आई और 800 रूपये लौटाती हुई बोली कि 100 रुपये डाक्टर ने लिए, 60 रुपये का खाना और 40 रुपये का दूध आया है। संता बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि 'नेकी कभी बेकार नहीं जाती। डाक्टर को फीस भी मिल गई, बच्चे को दवा, दूध और खाना भी मिल गया। . . . . . . . . और मेरा नकली नोट भी चल गया। |
एक समय की बात है, करंटपुरा नामक कस्बे में दो दोस्त रहा करते थे। पहला जबर्दस्त पियक्कड़ और दूसरा भला इंसान। दूसरा हमेशा पहले को समझाता रहता था। कुछ समय बाद दूसरा दोस्त कामकाज के सिलसिले में कस्बे से शहर जा पहुंचा। कुछ समय कमाई-धमाई की, फिर वापस गांव लौटा। अपनी नई साइकिल के पैडल मारते हुए सीधे अपने दोस्त के घर पहुँचा। पहला हमेशा की तरह धुत्त मिला। दूसरे ने पूछा, "और क्या चल रहा है?" पहला बोला, "कुछ नहीं बस, पी रहे हैं.. जी रहे हैं... तुम सुनाओ।" दूसरा बोला, "बस, बढ़िया, शहर में कामकाज चल निकला है। साइकिल खरीद ली है, तुम साले सुधर जाओ।" और पैडल मारते हुए वापस शहर की तरफ निकल लिया। कुछ दिनों बाद फिर शहर से कस्बे में पहुंचा। इस बार स्कूटर पर था। सीधे दोस्त के घर का रास्ता लिया। वहां फिर वही क्या चल रहा है? वही पी रहे हैं, जी रहे हैं... सुधर जाओ टाइप बातें हुईं। फिर दूसरे ने स्कूटर को किक लगाई और फिर शहर की दिशा में वापस हो लिए। इस बार दूसरा कुछ महीनों बाद कस्बे में पहुंचा। इस बार कार में था। सीधे दोस्त के घर का रास्ता लिया। पता चला कि वो घर पर नहीं हैं, खेत गया हुआ है। तो दूसरे ने कार सीधे खेत की दिशा मे दौड़ा दी। वहां पहुंचा तो देखता क्या है कि पहला खेत के बीचों-बीच खाट पर बैठ पी रहा है। पास में ही एक हेलिकॉप्टर खड़ा है। दूसरा सीधे अपने दोस्त के पास जा पहुँचा और वही पुरानी बातचीत शुरू हो गई, "और क्या चल रहा है?" पहला बोला, "बस, कुछ नहीं यार, वही पी रहे हैं, जी रहे हैं... पीते-पीते बोतलें ज्यादा इकट्ठी हो गईं तो बेचकर हेलिकॉप्टर खरीद लिया और पार्किंग के लिए खेत भी खरीद लिया है, और तुम सुनाओ।" दूसरा वहीं बेहोश हो गया। |
"आप" ने आरोप लगाया कि "भाजपा" एक भ्रष्ट पार्टी है जवाब में "भाजपा" ने भी आरोप लगाया कि "आप" एक भ्रष्ट पार्टी है। इसी बीच "कांग्रेस" वाले कह रहे हैं कि कभी हमें भी याद कर लिया करो। सबसे पुराने तो हम हैं। हमारे यहाँ बेरोज़गारी का यह आलम है कि... लोग आज भी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
|
एक बार पोल्ट्री फार्म के निरीक्षण के लिए पोल्ट्री विभाग से एक इंस्पेक्टर आता और पोल्ट्री फॉर्म के मालिकों से सवाल पूछता है; इंस्पेक्टर (पप्पू से): तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो? पप्पू: बाजरा! इंस्पेक्टर: खराब खाना, इसका चालान काटो और इसे गिरफ्तार कर लो! उसके बाद इंस्पेक्टर बंता से भी वही सवाल पूछता है; इंस्पेक्टर: तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो? बंता: चावल! इंस्पेक्टर: गलत खाना इसे भी गिरफ्तार कर लो! सबसे अंत में इंस्पेक्टर संता के पास आता है और उससे भी वही सवाल पूछता है; इंस्पेक्टर: तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो? पप्पू और बंता की हालत देखने के बाद संता डरता हुआ इंस्पेक्टर से कहता है; संता: जी हम तो मुर्गियों को 5-5 रुपए दे देते हैं और कह देते हैं कि जो तुम्हारी मर्जी हो जाकर खा लो! |
फ़ौज की ट्रेनिंग के दौरान मेजर ने संता से पूछा; मेजर: यह हाथ में क्या है? संता: सर ये बंदूक है! मेजर: ये बंदूक नहीं, हमारी इज्जत और शान है, तुम्हारी मां है! उसके बाद ऑफिसर दूसरे सैनिक बंता के पास गया उससे भी वही सवाल पूछा; मेजर: यह हाथ में क्या है? बंता: सर ये संता की मां है, और हमारी आंटी है! |